कन्या पूजन से सृष्टि और वृक्ष पूजन से ब्रह्मांड की होती है सुरक्षा पर्यावरण धर्म गुरु डॉ कौशल

- SUBASH PANDEY
- 20 Jun, 2025
पर्यावरण धर्म के तहत पर्यावरणविद ने कन्या पूजन व पौधा दान कर किया कार्यक्रम का शुभारंभ
कन्या पूजन से सृष्टि और वृक्ष पूजन से ब्रह्मांड की होती है सुरक्षा पर्यावरण धर्म गुरु डॉ कौशल
पर्यावरण धर्म के तहत डॉ कौशल ने आईजी समेत मेधावी बच्चों को पौधा देखकर किया सम्मानित
सम्मान मिलने से और बेहतर करने की मिलती है प्रेरणा ट्री मैन डॉ कौशल
फोटो आईजी व मेधावी बच्चों को पौधा देते वनराखी मूवमेंट के प्रणेता डॉ कौशल
समान समारोह में सम्मानित होकर पुलकित हुए बच्चे हौल में खुशी का माहौल
मेदिनीनगर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति भवन ( टाउन हॉल) में सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इसका उदघाटन पलामू जोन के आईजी सुनील भास्कर, विश्वव्यापी पर्यावरण संरक्षण अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, सह पर्यावरण धर्मगुरु व वनराखी मूवमेंट के प्रणेता, पर्यावरणविद ट्री मैन डॉ कौशल किशोर जायसवाल, रेहला ग्रासीम के यूनिट हेड हितेन्द्र केशव अवस्थी, संत मरियम आवासीय विद्यालय के अध्यक्ष अविनाश देव ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। पर्यावरणविद डॉ कौशल किशोर जायसवाल ने पर्यावरण धर्म के तहत कार्यक्रम का शुभारंभ कन्या पूजन कर व अतिथियों एवं बच्चों को पौधा देते हुए पर्यावरण धर्म के आठ मूलमंत्र का शपथ दिलाते हुए कहा कि कन्या पूजन से सृष्टि और पौधा वितरण से ब्रह्मांड की होती है सुरक्षा व आने वाले भविष्य को सुरक्षित व खुशहाल जिन्दगी के लिए हमलोगों को अपने धर्म के साथ साथ पर्यावरण धर्म अपनाना होगा। पर्यावरण धर्म के तहत हमें क्या करना चाहिए उसके बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा कि 1966-67 में जब वें पौधा लगाना शुरू किए तो तो गांव के लोग उन्हें पागल कहना शुरू कर दिया था। लेकिन कौन क्या कह रहा उसे नजरंदाज करते हुए अपने काम में पूरे जुनुन के साथ लगा। उन्होंने कहा कि 1977 में वनों को काटने से रोकने के उद्देश्य से पर्यावरण धर्म अपनाया और उसी के तहत वनराखी मूवमेंट चलाया और उपहार में पौधा देने का परंपरा शुरू किया था। आज जब सरकारी या गैरसरकारी संगठनों द्वारा आयोजित कार्यक्रम में जब पौधा उपहार स्वरूप दिया जाता है तो मुझे बहुत खुशी होती है कि मैंने जो शुरू किया वह अब परंपरा बनते जा रहा है। पर्यावरणविद डॉ कौशल ने कहा कि सम्मान मिलने से लोगो में और बेहतर करने की प्रेरणा जागृत होती है। उन्होंने बच्चों को लक्ष्य निर्धारित कर पूरी निष्ठा और ईमानदारी के साथ मेहनत करने की सलाह देते हुए कहा कि आपके माता-पिता ने विषम परिस्थितियों में भी रहकर आपके आवश्यकताओं की पूर्ती करने का काम करते हैं इसलिए आप उनके सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करने में कभी भी लापरवाही नहीं करेंगे एवं अपने माता-पिता को कभी भी धोखा में नहीं रखेंगे। डॉ कौशल ने नशा मुक्ति पर नाटक के लिए मासूम आट को बधाई दी। कार्यक्रम में झारखण्ड बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड, आईसीआईसी बोर्ड की परीक्षा में टापर एवं नीट,जेई एडवांस आदि परीक्षाओं में सफल विद्यार्थियों को सम्मानित किया गया।
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